Leela - ¼yhyk½
Cheer Haran Leela
¼phj gj.k yhyk½
गोपी चीर(वस्त्र) हरण लीला
गोपिया बड़े सवेरे यमुना में स्नान करने जाती थी।और स्नान करते करते भगवान की लीलाओं का उच्च स्वर से गीत गाती थी।भगवान जानते थे कि गोपिया उनको पति के रूप मे पाना चाहती है।1 दिन कृष्ण वहां प्रकट हुवे ओर गोपिया स्नान कर रही थी।तो उनके वस्त्र उठाकर पास के वृक्ष पर चढ़ गए।जब गोपियों को पता चला कि कान्हा वस्त्र लेकर चला गया है।तो उन्होंने कहा कन्हिया हमारे वस्त्र वापिस दो।कृष्णा बोले बाहर आकर ले लो।बाहर नही आयी जब उनको ठंड लगने लग गयी तो बोली ऐसे मजक मत करो हमे कष्ट मत दो वस्त्र वापिस दो वरना नँद बाबा से शिकायत कर देंगे।कृष्ण बोले ठीक है अब तुम शिकायत ही करना फिर गोपिया बाहर आई और अपने वस्त्र लिए।ये गोपिया कृष्ण को अपना पति मानती है इसलिए इस रूप मे उनके सामने आई।आत्मा का पति परमात्मा ही है।ये शरीर मिट्टी ही है।जो कुछ है आत्मा ही है।कृष्ण गोपियों को कहते हैं जल के देवता वरुण हैं।और तुमने नग्न स्नान करके उनका अपमान किया है इसलियर शमा मांगो उनसे।गोपियों ने शमा मांगी।वास्तव मैं गोपिया वरुण देवता से नही डरती ।उन्हें पता था कि कृष्ण जरूर आयंगे क्योंकि हम उनसे प्रेम करती है।और पति रूप में मानती है उनको।गोपिया स्वयम कृष्ण को इस रूप मैं देखना चाहती थी।गोपी 1 भाव है शरीर नही है।प्रत्येक जीव गोपी है।जो कृष्णा को पाने की कामना करता है।