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Jhulan Utsav
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झूलन उत्सव
सावन और भादो के महीने में ब्रज में बड़ी धूमधाम रहती है क्योंकि सावन और भादो के ही महीने में ब्रज में झूले पढ़ते हैं हिंडोले सजाए जाते हैं मंदिरों में भिन्न-भिन्न भाती के फूलों से अलंकृत किया जाता है देवालयम को सोने और चांदी के हिडोलो पर राधा और कृष्ण को झुलाया जाता है सखियां मल्हार गाती हैं और राधा कृष्ण पीके बड़ा - बड़ा करके झूलते हैं वही गांवो और मोहल्लों में जो पीपल का नीम के कदम के वृक्ष होते हैं उन वृक्षों पर झूले डाले जाते हैं और ब्रज की नवविवाहिता जो पहली बार सावन के महीने में अपने मायके आती हैं अपनी वे सहेलियों के साथ में इकट्ठे होकर के झूले झूलती हैं और मल्हार गाती जाती हैं वही झूलन उत्सव जो कि राधा और कृष्ण को समर्पित किया जाता है वह आज भी मथुरा और वृंदावन के विभिन्न मंदिरों में राधा और कृष्ण को प्रेममय फूलों के झूलों पर झुलाया जाता है वही हिंडोले गाढ़े जाते हैं और सोने चांदी के हिंडोलो पर राधा कृष्ण झूलते हैं और भक्त आनंद लेते हैं भगवान की इन सुंदर झांकियों का !