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Krishna Vivah Manuhar Leela

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कृष्ण विवाह मनुहार लीला

राधारानी और श्री कृष्ण का विवाह हुआ आज भी कृष्ण के हाथ में बंसी की जगह सिंदूर ब्रह्मा ने पड़े थे मंत्र नारद मुनि ने किया कन्यादान ! भगवान श्री कृष्ण की अनेक लीलाओं की साक्षी है ब्रज नगरी यहां कदम - कदम पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े कथाओं के प्रमाण आपको देखने को मिल जाएंगे ! वटवृक्ष के पेड़ों से बना हुआ मंडप आज भी मौजूद है बाल अवस्था में भगवान श्री कृष्ण और राधारानी का विवाह हुआ विवाह मथुरा से लगभग 40 किलोमीटर दूरी तहसील मार्ट में भांडीरवन है यह वह स्थान है जहां भगवान श्री कृष्ण और राधारानी का विवाह हुआ था पुराणिक कथा के अनुसार भांडीरवन में राधा कृष्ण के विवाह के साक्ष्य मौजूद हैं भांडीरवन जब राधारानी और श्री कृष्ण बाल अवस्था में थे तो उनका विवाह संपन्न हुआ भगवान श्री कृष्ण और राधा के विवाह के प्रमाण स्वरूप मंदिर में देखने के लिए आज भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं जब राधा और कृष्ण का विवाह हुआ था तो केवल 4 लोग इस विवाह में मौजूद थे नारद मुनि ने राधारानी का कन्यादान किया था जिस दिन राधा और कृष्ण का विवाह हुआ उस दिन घनघोर बादल छाए हुए थे ब्रह्मा जी ने पंडित बनकर मंत्र पढ़कर इनका विवाह करवाया था

भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना जाता है। 64 कलाओं में दक्ष श्रीकृष्ण ने हर क्षेत्र में अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ी है। वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण के सैकड़ों रूप और रंग हैं लेकिन आओ जानते हैं कि उनके चुनिंदा लीला के बारें में !

श्रीकृष्ण एक किंवदंति... एक कथा...एक कहानी...। 64 कलाओं में दक्ष अनेक रूप और हर रूप की लीला अद्भुत। प्रेम को परिभाषित करने वाले, उसे जीने वाले माधव ने जिस क्षेत्र में हाथ रखा वहीं कीर्तिमान स्थापित किए।

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